१३ सितम्बर को हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर स्टेफोर्ड स्कूल में भी कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्रातःकाल सुबह की सभा में कक्षा छह और पांच के बच्चो ने अपनी मातृभाषा हिंदी के सम्मान में एक गीत प्रस्तुत किया। फिर प्रधानाचार्य महोदय ने अपने संबोधन में बच्चो को हिंदी की महत्ता के बारे में बताया और उसके उपयोग पर बल दिया। तत्पश्चात, बच्चो के लिए कई प्रतियोगिताओ का आयोजन किया गया। कक्षा एक और दो के विद्यार्थियों ने सुलेख प्रतियोगिता में बड़े उत्साह से भाग लिया छोटे छोटे बच्चो ने अपनी कॉपी के पन्नो को अपनी सुन्दर लिखावट से सजाया। कक्षा तीन और चार के छात्रों के लिए कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे बच्चो ने अपनी कल्पना की उड़ानों से एक काल्पनिक पांत्र “छोटा भीम” के कारनामो को कागज पर साकार किया। कक्षा पांच और छह के विद्यार्थियों ने निबन्ध प्रतियोगिता में बड़े उत्साह से भाग लिया। प्रतियोगिता में बच्चो को दो शीर्षक दिए गया थे: “विद्यालय और अनुशासन” और ” आंचलिक विज्ञान नगरी”। बच्चो ने दोनों ही विषयों पर अपने विचारो को बड़े ही सुव्यवस्थित और स्पष्ट ढंग से व्यक्त किया। यह सारी प्रतियोगिताएं स्टेफोर्ड विध्यालय की सुयोग्य हिंदी अध्यापिका आयशा मैडम के निर्देशन में संपन्न हुई। निर्णायक मंडल में अर्चना मैडम, शिराज़ सर, साराह मैडम, शैलजा मैडम, कृति मैडम और तौहीद मैडम सम्मिलित थे। स्टेफोर्ड स्कूल हमेशा बच्चों को अपने देश और अपनी भाषा का सम्मान करना सिखानेका प्रयास करता है। हिंदी दिवस पर इन आयोजनों का उद्देश्य यही था कि बच्चे अपनी भाषा के महत्व को समझे और बच्चों के उत्साह को देखते हुए यह लगा की हम अपने प्रयास में सफल रहे।